Madhu varma

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लेखनी कहानी - महाभारत और रामायण की कुछ लघु कथाएँ

सहदेव



अपनी मृत्यु शैय्या पर पांडू ने इच्छा ज़ाहिर की उनके बेटे उनका दिमाग का सेवन करें ताकि उन्हें अनुभव ,अकल और ज्ञान मिल सके | सिर्फ सहदेव ने उनकी बात मानी और वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिष बन गए | रोचक बात ये है की उन्हें मालूम था की युद्ध होगा पर इस बात को सार्वजानिक करने की बजाय उन्होनें चुप रहना ज्यादा बेहतर समझा | 

सहदेव जिसने अपने पिता के दिमाग का भक्षण किया था न सिर्फ भविष्य देख सकता था अपितु एक बेहद कुशल ज्योतिषी भी था | इसीलिए शकुनी ने दुर्योधन से सहदेव से युद्ध के लिए उपयुक्त महूरत निकलवाने को कहा | हांलाकि सहदेव जानते थे की ये बात पांडवों के लिए सही नहीं है फिर भी उन्होनें महूरत की जानकारी दुर्योधन को दी |

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